5 Tips about shiv chalisa lyricsl You Can Use Today

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कीन्ही दया तहं करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥

आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥

किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥

धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥

अर्थ- हे गिरिजा पति हे, दीन हीन पर दया बरसाने वाले भगवान शिव आपकी जय हो, आप सदा संतो के प्रतिपालक रहे हैं। आपके मस्तक पर छोटा सा चंद्रमा शोभायमान है, आपने कानों में नागफनी के कुंडल डाल रखें हैं।

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धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥

पुत्र Shiv chaisa हीन कर इच्छा कोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥

त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन more info उबारो॥

पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥

आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥

जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥

जय सन्तोषी मात अनूपम। शान्ति दायिनी रूप मनोरम॥ सुन्दर वरण चतुर्भुज रूपा। वेश मनोहर ललित अनुपा॥

दोस्तों श्री शिव जी के लोकप्रिय भजन पर हमारी शोध एवं लेखन कार्य जारी है। अतिशीघ्र यहां पर आपको और भजन पढ़ने को मिलेगा। shiv chalisa lyricsl आपको श्री शिव जी का कौन सा भजन ज्यादा अच्छा लगता है, जरूर बताइएगा।

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